75वां गणतंत्र दिवस 2024:
आप सभी को 75वां गणतंत्र दिवस 2024:गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आज देश में 75th गणतंत्र दिवस मनाया जा जा रहा है. गणतंत्र दिवस हमारे देश भारत के लिए एक खुशीभरा जन्मदिन की तरह है। यह वह दिन है जब हम अपने संविधान का जश्न मनाते हैं
साथियों आज के इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है और हमारा संविधान दो महीना देर से क्यों लागू हुआ. साथियों हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ और देश पर शासन करने के लिए संविधान का होना भी आवश्यक होता है।
26 जनवरी का महत्व:
26 जनवरी एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि 1950 में इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। यह वह दिन है जब हम आधिकारिक तौर पर गणतंत्र हुए थे । गणतंत्र होने का अर्थ है कि निर्णय लेने की शक्ति जनता के हाथ में है। इसलिए, 26 जनवरी हमारे लिए “संविधान दिवस” की तरह है.
इसलिए हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ इसलिए 26 नवंबर 1949 को हम संविधान दिवस के रूप में जानते हैं, परंतु यह लागू किया गया 26 जनवरी 1950 को जिसको गणतंत्र दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष पूरे देश में जश्न मनाया जाता है।
साथियों भारत एक संवैधानिक देश है जिसका अर्थ यह होता है की भारत का राष्ट्रपति खानदानी नहीं होगा, वनसानुगत नहीं होगा अर्थात राष्ट्रपति चुन कर आयेगा और राष्ट्रपति का ही पूरे देश में शासन रहेगा।
दोस्तों हम अपनी आज़ादी के लिए लड़ रहे थे। 1947 में आज़ादी मिलने के बाद देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ नियमों की आवश्यकता थी। इसलिए, हमारे नेताओं ने संविधान बनाने के लिए कड़ी मेहनत की, और उन्होंने निर्णय लिया कि 26 जनवरी सबसे उपयुक्त दिन होगा।
ऐतिहासिक महत्वा :
स्वतंत्रता और संविधान की आवश्यकता:
दोस्तों दिनों में जब हम अपनी आजादी के लिए लड़ रहे थे, हमें एहसास हुआ कि सिर्फ स्वतंत्र होना ही काफी नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ नियमों की आवश्यकता है. कि सभी के साथ एक सम्मान व्यवहार किया जाए और देश बिना किसी भेद भाव के साथ चले। 1947 में हमें आज़ादी मिलने के बाद, हमें एक संविधान की आवश्यकता थी।
भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करना:
हमारे सभी नेताओं ने मिलकर, भारतीय संविधान बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। यह ऐसा है जैसे वे हमारे देश के लिए खाका तैयार कर रहे थे – यह तय करना कि चीजें कैसे काम करनी चाहिए, हमारे पास क्या अधिकार होने चाहिए और सरकार को कैसे काम करना चाहिए। यह बहुत बड़ा काम था, लेकिन उन्होंने यह कर दिखाया और इसका परिणाम स्वरुप हमारे संविधान निर्माण हुआ।
26 जनवरी 1950 को संविधान को अपनाना:
75वां गणतंत्र दिवस 2024: आख़िरकार 26 जनवरी, 1950 को वो दिन आ ही गया।इस दिन, हमने आधिकारिक तौर पर अपने संविधान को स्वीकार किया । यह देश का कानून बन गया और 26 जनवरी को अब गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. तो, यह सिर्फ एक तारीख नहीं है यह उस दिन की याद दिलाता है जब हमने यह फैसला किया की हम बिना किस भेद भाव और एक समानता के आखिकार और सभी को बराबर का हक़ मिले यह सुनिश्चित किया.
गणतंत्र दिवस का महत्व
संविधान का प्रतीक:
हमारा संविधान यह सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं है; यह इस बात का प्रतीक है कि हमारे देश को क्या विशेष बनाता है। हमारा संविधान उन मूल्यों और सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व करता है जो हमारा मार्गदर्शन करते हैं। आइये कुछ शब्दों को समझे,
“संप्रभु” का अर्थ है कि किसी के दबाव में आए बिना अपने निर्णय स्वयं लेते हैं। “समाजवादी” इसका अर्थ है हम सभ एक है सभी एक सामान है।
“धर्मनिरपेक्ष” का अर्थ है कि हम सभी धर्मों का एक सामान सम्मान करते हैं, और किसी को भी केवल एक धर्म का पालन करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते है। और “लोकतांत्रिक” का अर्थ है जनता ही सत्ताधारी , जनता की अनुमति से शासन होता है, परंतु लोकतंत्र केवल एक विशिष्ट प्रकार की शासन प्रणाली ही नहीं है यह एक विशेष प्रकार के राजनीतिक संगठन, सामाजिक संगठन, आर्थिक व्यवस्था तथा एक नैतिक एवं मानसिक भावना का नाम भी है।
गणतंत्र दिवस समारोह
75वां गणतंत्र दिवस 2024: साथियों प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है और इस दिन देश की राजधानी दिल्ली में हमारी सेनाओं द्वारा ज्यादा से ज्यादा हथियारों को प्रदर्शित किया जाता है और मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री भी रहते हैं और तीनों सेनाओं के अध्यक्ष भी रहते हैं।
राष्ट्रीय ध्वज फहराना:
यह दिन हम ठीक वैसे ही मनाते जैसे हम जन्मदिन मनाने के लिए केक पर मोमबत्तियाँ लगाते हैं, गणतंत्र दिवस पर, हम अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। यह दिन भरता वासी के लिए बहुत ही खुशी वाला दिन है और हमरा तिरंगा हमारे लिए गौरव और एकता का प्रतिक है.
साथियों यह कार्यक्रम दिल्ली के राजपथ पर किया जाता है जिसमे भारत की तीनों सेनाओं द्वारा राष्ट्रपति को 21 तोपों से सलामी दी जाती है।
साथियों हर साल गणतंत्र दिवस के दिन भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। जो कि इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक होती है। साथियों इस परेड के दौरान भारत की तीनों सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। यही नहीं इस दिन तीनों सेनाएं आधुनिक हटियारों का प्रदर्शन करते हैं।
सांस्कृतिक विविधता:
75वां गणतंत्र दिवस 2024: जैस की आप सभी जानते है भरता अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है यहाँ अलग अलग धर्म जाती समुदाय के लोग रहते है और गणतंत्र दिवस वह दिन है जब हम उन सभी खूबसूरत रंगों को दिखाते हैं। इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों से लोग नृत्य करने, गाने और अपनी अनूठी परंपराओं का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं। यह एक सुखद एहसास है कि हमारी विविधता ही हमें इतना खास बनाती है।
पुरस्कार और सम्मान:
इस दिन हम उन सभी लोगो को जिन्होंने देश के लिए कुछ अद्भुत काम किया है। गणतंत्र दिवस पर, हम उन व्यक्तियों को उनके अद्भुत काम की सराहन करते हुए उन्हें पुरूस्कार देते हुए उनका सम्मान करैत है, यह कुछ-कुछ यह कहने जैसा है, “अरे, आप अद्भुत हैं, और आप जो करते हैं उसकी हम सराहना करते हैं!
साथियों अब हम यह समझते हैं कि संविधान को दो महीना देर से क्यों लागू किया गया:
जिसके लिए हमें थोड़ा इतिहास में जाना होगा। दरहसल साथियों संविधान के लागू होने से 20 साल पहले 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस द्वारा पूर्ण स्वराज का नारा दिया था। इसी कारण से संविधान को पूरी से लागू करने के लिए 26 जनवरी का इंतजार करना पड़ा। साथियों 26 जनवरी 1930 को हम मिनी आजादी के रूप में जानते हैं।
क्योंकि जनवरी 1930 को भारत के क्रांतिकारी तथा कांग्रेस द्वारा यह निर्णय लिया गया कि 1930 में जनवरी के आखिरी रविवार को हम पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो जायेंगे और अपना तिरंगा फहरायएंगे फिर चाहे अंग्रेज हमें आजादी दें या ना दें। 1930 के जनवरी महीने का आखिरी रविवार 26 तारीख को ही पड़ा। पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा बताया गया कि प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी 1930 को स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाएगा।